क्या कंगना रनौत की थप्पड़ कांड ‘नया आंदोलन’ शुरू करवाएगा? क्या है संकेत?
न्यूज डेस्क, 7 जून
हिमाचल प्रदेश के मंडी से सांसद और बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर मारे गए थप्पड़ की गूंज अब पंजाब, हरियाणा के कोने-कोने तक सुनाई दे रही है. कंगना को थप्पड़ मारने वाली सीआईएसएफ की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर के समर्थन में किसान आ गए हैं. नतीजतन, किसान नेताओं ने शुक्रवार को उनका खुलकर समर्थन किया और एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. किसान नेताओं ने कह दिया कि कुलविंदर कौर को बेवजह फंसाने की कोशिश की जा रही है.उसके साथ नाइंसाफी न हो, इसके लिए हम डीजीपी से मिलेंगे. उन्होंने ऐलान किया कि 9 तारीख को मोहाली में गुरुद्वारा अंब साहिब में 10 से 11 बजे एक इंसाफ मार्च निकाला जाएगा और एसपी को ज्ञापन दिया जाएगा.
किसान नेताओं की तरफ से किसान संगठनों के नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह ढलेवाल ने मीडिया से बात की. किसान नेता जगजीत सिंह ढलेवाल ने कहा कि ‘हमारी एक लड़की कुलविंदर कौर को लेकर जिस तरह से दिखाया गया है, उस पूरी कहानी पर अगर नजर मारेंगे तो असल मुद्दा यह था कि जब मोबाइल और पर्स की चैकिंग होती है तो वहां सब का सामान निकलवाया जाता है. जब कंगना को रोका गया तो वह भड़क गई.
उनकी तरफ से कहा गया कि पहले कंगना की तरफ से सांसद बनकर वीआईपी कल्चर के दिखावे को लेकर यह पूरी घटना हुई. कुलविंदर कौर का कोई दोष नहीं है. उसने अपनी ड्यूटी निभाई है. उसे बेवजह फंसाने की कोशिश की जा रही है.
उन्होंने कंगना की भाषाशैली पर भी सवाल उठाए और कहा कि कंगना का पिछला रिकॉर्ड, उसकी भाषा सबको पता है. जिस तरह से कंगना बोलती है, अगर उसे पहले ही रोका जाता तो शायद आज ऐसी घटना ना घटती. उन्होंने यहां तक कहा कि कंगना ने पंजाब को आतंकी कहा.
ऐसी भाषा का प्रयोग करने वाले लोगों के खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. दोनों किसानों के संगठन कुलविंदर कौर के साथ नांसाफी ना हो इसके लिए हम डीजीपी से मिलेंगे.
किसान नेताओं की बात से साफ है कि कंगना रनौत थप्पड़ कांड का मामला अभी शायद थमने वाला नहीं है. पंजाब के किसान तो कौर का समर्थन कर ही रहे हैं, वहीं हरियाणा के किसान भी उसके खुलकर समर्थन में आ गए हैं. जिस तरह से किसान 9 तारीख को मोहाली में मार्च निकालने की बात कह रहे हैं, संभवत: वह किसान आंदोलन को दोबारा थोड़ा तेज करने की कोशिश भी दे सकता है. किसानों ने फिर से एमएसपी को लेकर सरकार के सामने पुरजोर तरीके से अपनी मांग रखने की बात भी कही है.